ज़ुबान पे कुछ मीठा सा स्वाद आ रहा है
एक बार फिर से वो मुझे याद आ रहा है ।
खयाल जो आए, बस मुसकुराता हूँ
दर्द कुछ हो अगर, सब भूल जाता हूँ
सुकून मिलता है केवल सोच लेने से
बस याद कर के खुशी से फूल जाता हूँ ।
आता है मौसम जब दूसरा
वो दिखने मे थोड़ा बदल जाता है
गर्मी मे सिल्क के कपड़े पहनता है
और ठंडी मे कपड़ों से भर जाता है ।
पर चेहरा रहता है वही
वही सुंदर सा मुस्कान रहता है
आँखों में चमक हर दिन बढ़ती है
हर दिन वो मेरे साथ रहता है ।
साथ ये असली हो, या कोई सपना हो मेरा
क्या फ़र्क पड़ता है?
साथ में वो है, मान लूँ इतना,
फिर वो मेरे साथ रहता है ।
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